कई बार कई बुजुर्ग व्यक्ति अपनी मृत्यु से सम्बंधित ऐसी बाते कहते है
जिससे लगता है कि उन्हें अपनी मृत्यु के समय का पूर्वाभास हो गया है लेकिन
उनकी बातों पर ये समझकर कि बुढापे की बिमारियों या सठिया जाने की वजह से ये
ऐसा कह रहे है उनकी बाते परिजन अनसुनी कर देते है लेकिन जब उस व्यक्ति की
मौत होती है और उसके द्वारा कही गयी बाते सत्य निकलती है तब चर्चा चलती
है कि फलां व्यक्ति को अपनी मौत का पूर्वाभास हो गया था लेकिन इस बात पर
परिजनों के अलावा जो व्यक्ति वहां मौजूद होते है वे तो सच मानते है लेकिन
सुनने वाले इस बात को अपने परिजन को महिमा मंडित करने की चाल बताकर खारिज
कर देते है | इसी तरह की एक घटना का जिक्र मै यहाँ कर रहा हूँ जो कभी कभी
मुझे सोचने पर मजबूर कर देती है कि कुछ लोगो को क्या मृत्यु के समय का
पूर्वाभास हो जाता है ?
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