Wednesday 10 April 2013

जाट समाज ने बढ़ाया देश का गौरव


देश की सुरक्षा एवं विकास में जाट समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है। जाट समाज के युवा खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाया है। जाट सपूत देश की आन-शान के लिए अपनी कुर्बानी देते रहे हैं। जाट हमेशा से जुझारू रहे हैं। जाटों ने सेना में भर्ती हुये और जाटों ने रणक्षेत्र में अपनी बहादुरी को सिद्ध किया और वास्तविक क्षत्रियकहलाये ।
जाट आज खेल के मैदान में छाए हुए है । क्रिकेटकी पिच से लेकर बॉक्सिंग की रिंग तक । कुश्ती के अखाड़ा से लेकर बैडमिंटन के कोर्ट में । ये जाट खिलाड़ी न सिर्फ भारत का झंड़ा ऊंचा कर रहे है बल्कि जाटों को खुद पर गर्व करने काएक और मौका दे रहे है।
जाट प्रसिद्ध खिलाड़ी, भारत के धाकड़ बल्लेबाज़ वीरेंदर सहवाग, बॉक्सिंग स्टार विजेंद्र, ममता ख़रब महिला हॉकी टीम की कप्तान, बैडमिंटन की चैंपियन खिलाड़ी साइना नेहवाल, दिल्ली के प्रदीप सांगवान, प्रतिभाशाली महिला एथलीट कृष्णा पूनिया, दारा सिंह अपने जमाने के एक कुशल अभिनेता व कुश्ती के प्रसिद्ध खिलाड़ी रहे हैं।
दारा सिंह खुद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई नामी-गिरामी पहलवानों को कुश्ती में हरा चुके हैं। इनमें पहलवानी के इतिहास के कई बड़े नाम शामिल हैं जैसे स्टानिलॉस जिबिस्को, लू थेज और यूएस के कई पेशेवर पहलवान। साल 1996 में दारा सिंह को रेसलिंग ऑब्जर्वर न्यूजलेटर हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
भारत के इतिहास


में सूरजमल को 'HINDUSTAN का प्लेटो' कहकर भी सम्बोधित किया गया है।
भारतीय राज्य व्यवस्था में सूरजमल का योगदानसैद्धान्तिक या बौद्धिक नहीं, अपितु रचनात्मक तथा व्यवहारिक था। जाट-राष्ट्र का सृजन एवं पोषण एक आश्चर्यजनक सीमा तक इस असाधारण योग्य पुरुष का ही कार्य था।
बहुत समय तक जाटों पर लुटेरा और बर्बर होने का कलंक लगा रहा। पुरानी कहावत अनपढ़ जाट पढ़ा जैसा और पढ़ा जाट खुदा जैसा........
भारत में पहली बार जाट जाति से चौ० चरणसिंह प्रधानमन्त्री बने हैं ।
SIRछोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 में झज्जर के छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत ही साधारण जाट परिवार में हुआ (झज्जर उस समय रोहतक जिले का ही अंग था)। छोटूराम का असली नाम राय रिछपाल था।
क्षत्रिय शिरोमणि वीर श्री बिग्गाजी महाराज- गौमाता के नाम से पूजी जाने वाली गाय जिसके शरीर में तैंतीस करोड़ देवी देवता निवास करते हैं कि रक्षा दुष्ट चोरों से करने के लिए भगवान ने इस देश की सबसे पवित्र कौम जाट के घर
वीर श्री बिग्गाजी महाराज के रूप में अवतार लिया और गायों की रक्षा की।
लोक देवता तेजा जी का जन्म नागौर जिले में खड़नाल गाँव में ताहर जी (थिरराज) और रामकुंवरी के घर माघ शुक्ला, चौदस संवत 1130 यथा 29 जनवरी 1074 को जाट परिवार में हुआ था।तेजाजी की गौ रक्षक एवं वचनबद्धता की गाथा लोक गीतों एवं लोक नाट्य में राजस्थान के ग्रामीण अंचल में श्रद्धाभाव से गाई व सुनाई जाती है।
महाराजा नाहर सिंह बल्लभगढ़ रियासत के राजा तथा तेवतिया खानदान से थे जो 1857 में देश कीआजादी के लिए शहीद होने वाले पहले राजा थे ।
महाराजा महेन्द्र प्रताप मुरसान-अलीगढ़ (उ.प्र.) रियासत के राजा थे और ठेनूवा वंश से सम्बन्धित थे । जिन्होंने देश की आजादी के लिए रियासत की बलि देकर 33 साल विदेशों में रहकर देश की आजादी के लिए अलख जगाई ।
जाट शासकों में महाराजा सूरजमल (शासनकाल सन 1755 से सन् 1763 तक) और उनके पुत्र जवाहर सिंह (शासन काल सन् 1763 से सन् 1768 तक ) ब्रज के इतिहास में बहुत प्रसिद्ध हैं ।
जाट रेजीमेंट जाट रेजिमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है| यह सेना की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार विजेता रेजिमेंट है| जाट सपूत देश की आन-शान के लिए अपनी कुर्बानी देते रहे हैं।
‘राज करेगा जाट’ । मुझे जाट होने पर गर्व है।

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