केरल के 10 एवं राजस्थान के 25 सांसद लोकसभा में है परन्तु आजादी के बाद
केरल नै देश को जितने आई.ए.एस दिए उसके 10 प्रतिसत भी राजस्थान नहीं दे
पाया उसका कारण हमारी भाषा को संवेधानिक
मान्यता नहीं होना है परन्तु गोरवशाली राजस्थान के गैर जिम्मेदार सांसदों
को नहीं लगता की इसके लिए मिलकर संसद, सरकार को राजस्थानी मान्यता के लिए
मजबूर करे????
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