Sunday 24 December 2017

बडा सोचो और तेज चलो

लिखने का मतलब सिर्फ साफ-सुथरी राइटिंग भर नहीं है, बल्कि तुम्हारी रचनात्मकता भी इससे झलकती है। तुम्हारी सोच और नॉलेज का भी ये आइना होती है। इसीलिए तुम खुद को ऐसा बनाओ कि किसी भी टॉपिक पर आसानी से 10 लाइनें लिख डालो।

क्या है राइटिंग स्किल
लिखना एक कला है। लिखते तो सब हैं, लेकिन सबके लिखने का तरीका अलग होता है। तुमने अपनी क्लास या स्कूल में ऐसे बच्चे देखे होंगे, जो लिखने में एक्सपर्ट होते हैं, जिनकी राइटिंग देखते ही मैडम खुश हो जाती होंगी। ये किसी भी टॉपिक पर झट से 10 लाइनें लिख डालते हैं। इसे ही लेखन कौशल कहते हैं। किसी में ये ज्यादा होता है तो किसी में कम, लेकिन होता सब में है। अंग्रेजी में इसे राइटिंग स्किल कहते हैं।

लैंग्वेज में राइटिंग स्किल
तुम चाहे किसी भी क्लास में हो, लिखना तो होता ही है। हर सब्जेक्ट में लिखना पड़ता है। यह तो पढ़ाई का एक जरूरी हिस्सा है। हां, तुम यह कह सकते हो कि हिन्दी और अंग्रेजी में इसका महत्व ज्यादा है। इसी तरह सभी लैंग्वेज में ऐसा ही माना जाता है। हिन्दी और अंग्रेजी के सिलेबस में काफी कुछ लिखने से संबंधित होता है, जैसे कि निबंध लेखन, अनुच्छेद लेखन, पत्र लेखन, संवाद लेखन, चित्र लेखन, डायरी लेखन। इसी तरह इंग्लिश में लेटर, एस्से, पेराग्राफ राइटिंग। इन्हें सिर्फ रट लेने से काम नहीं चलता, बल्कि तुम्हें इन्हें अपनी कल्पना के आधार पर लिखना होता है, जो प्रैक्टिस से ही संभव है।

राइटिंग से मिलेगा बेहतर भविष्य
अगर तुम्हारा लेखन कौशल अच्छा है तो तुम बड़े होकर एक अच्छे लेखक, पत्रकार, भाषा के अध्यापक, भाषाधिकारी, ट्रांसलेटर बन सकते हो। स्कूल में टीचर की नजर में नं.1 विद्यार्थी बन सकते हो, क्योंकि एक अच्छे विद्यार्थी की पहचान उसके लेख और लेखन कौशल दोनों से होती है। स्कूल में लेखन कौशल से संबंधित कई प्रतियोगिताएं होती हैं, जैसे निबंध लेखन प्रतियोगिता, कहानी लेखन प्रतियोगिता, स्लोगन लेखन प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, कविता लेखन प्रतियोगिता। इन सभी को जीत सकते हो।

कैसे लिखोगे और बेहतर
किसी भी विषय पर लिखने के लिए जरूरी है ज्ञान का होना। जब तक ज्ञान नहीं होगा लिखना मुश्किल है, इसलिए इन स्टेप्स को अपनाओ-

पढ़ने की आदत डालो: लेखन-कला सुधारने के लिए जरूरी है तुम अखबार, कविता, लेख पढ़ने की आदत डालो। इनसे तुम्हें लिखने की कला का पता चलेगा।

रोज लिखने की आदत डालो: जिस तरह संगीत के लिए रियाज जरूरी होता है, उसी तरह रोज लिखने की आदत डालो। तुम किसी भी टॉपिक पर लिख सकते हो। लिखने के बाद टीचर या मम्मी-पापा से चेक करवाओ।

व्याकरण को समझो और याद करो:  तुम देखते होगे कि हिन्दी-अंग्रेजी में व्याकरण कितना महत्व रखता है और एक छोटी सी व्याकरण की गलती अनर्थ कर देती है, तो इसके लिए जरूरी है व्याकरण को पढ़ने की आदत डालो।

डिक्शनरी पढ़ो: कुछ भी लिखते समय सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि नए-नए शब्दों का प्रयोग करो। ये तुम्हारे लेख को प्रभावशाली बनाएंगे। एक जैसे शब्दों का प्रयोग लेख को बोझिल बना देता है तो ज्यादा-ज्यादा नए शब्दों का प्रयोग करो।

सोच: जिस टॉपिक पर लिखना है, पहले उसके बारे में सोचो और फिर लिखो।

स्पेलिंग पर ध्यान दो: जब कोई तुम्हारा लेख पढ़ता है तो स्पेलिंग पर भी ध्यान देता है, तो शब्दों की स्पेलिंग पर ध्यान दो।

खुद पर रखो विश्वास: अपने पर विश्वास रखो और लिखना शुरू करो। दो लाइन से शुरुआत करो, बाद में एक पेज तक भी पहुंच जाओगे। 

तुम इन्हें अपनाकर भी लेखन कौशल सुधार सकते हो..

नोटबुक हो खास: तुम एक छोटी नोटबुक लो। जब कभी मां-पापा या स्कूल ट्रिप पर जाओ तो उसे अपने साथ रखो। वहां जो कुछ देखो, जैसे पार्क, पेड़, पहाड़, झील, बर्फ, फूल, हवाई जहाज आदि कुछ भी, उसे नोट कर लो और घर आकर उन पर छोटे-छोटे वाक्य बनाओ।

ग्रीटिंग कार्ड खुद बनाओ: फेस्टिवल सीजन शुरू होने वाला है। तुम अपने दोस्त, टीचर, मां-पापा को खुद कार्ड बनाकर दो।
लेटर लिखो: रिश्तेदारों, दोस्तों, कजिन को लेटर लिखो। उसमें तुम हालचाल पूछो, कोई कविता भेजो, अपनी फीलिगंस लिखो, कुछ भी संदेश भेजो।

चित्र से सीखो: अपनी मनपसंद फोटो सलेक्ट करो, कुछ मिनट ध्यान से देखो, फिर 10 मिनट तक उसके बारे में लिखो।

कहानी बनाओ: कोई कैसे भी कहानी बनाओ और लिखो।

डायरी बनाओ
दिनभर में एक ऐसी चीज के बारे में लिखो, जो तुम्हें पसंद आयी। पहले उसे याद करो। ममी-पापा को बताओ और उनके सामने बैठकर लिखो। वो साथ-साथ तुम्हारी गलती सुधारते जाएंगे और तुम जल्दी सीख पाओगे।

रोज डिक्टेशन, पढ़ना सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसमें तुम्हारा उच्चरण सही होता है और मात्रओं का ज्ञान होता है। हिन्दी लिखने के लिए पांच लाइन वाली कॉपी का प्रयोग करो। इससे हैंडराइटिंग अच्छी होती है।
सुखदेव हरजीराम डूकिया गोदरास 

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